Friday, August 22, 2025

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने ‘वर्ल्ड इंटरप्रेन्योर्स डे’

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने ‘वर्ल्ड इंटरप्रेन्योर्स डे’ मनाने के लिए INNOVRITI-2025 और NASSCOM द्वारा संचालित कार्यशाला का किया आयोजन

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI) के नवाचार एवं उद्यमिता केंद्र (CIE) ने 20 और 21 अगस्त 2025 को आयोजित दो दिवसीय प्रमुख कार्यक्रम INNOVRITI-2025 का सफलतापूर्वक आयोजन कियाजिसमें कई प्रतियोगिताओंपैनल चर्चाओंस्टार्टअप शोकेस और उद्योग जगत के लीडर्स के साथ संवादों के साथ वर्ल्ड इंटरप्रेन्योर्स डे मनाया गया।

 

20 अगस्त 2025 को आयोजन के पहले दिनयूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक और NASSCOM सेक्टर स्किल्स काउंसिल के सहयोग से एक उच्च-प्रभावी कार्यशाला आयोजित की गई। इस सत्र में प्रसिद्ध वक्ताओं- मैक्सिमलर्ट इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक श्री अभिषेक रायसुश्री कामना (नैसकॉम)और टेकपिलो के संस्थापक श्री मयंक गुप्ताजिन्होंने छात्रों और नवोदित उद्यमियों के साथ बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। श्री अभिषेक ने साइबर सुरक्षा पर एक विचारोत्तेजक सत्र दियाजिसमें परस्पर जुड़ी दुनिया में डिजिटल सतर्कता और लचीलेपन की बढ़ती आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। सुश्री कामना ने प्रतिभागियों को नैसकॉम फ्यूचरस्किल्स प्लेटफ़ॉर्म से परिचित करायाजिसमें कृत्रिम बुद्धिमत्ताक्लाउड कंप्यूटिंगसाइबर सुरक्षाडेटा एनालिटिक्स और IoT जैसे क्षेत्रों में मुफ़्तसरकार-समर्थित और उद्योग-मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की गई। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ये पाठ्यक्रम सभी शिक्षार्थियों के लिए सुलभ हैं और स्व-गति और प्रशिक्षक-निर्देशित प्रारूपों के माध्यम से भविष्य के लिए तैयार कौशल विकसित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। श्री मयंक गुप्ता ने उद्यम निर्माण और प्रबंधन पर व्यावहारिक रणनीतियों और व्यक्तिगत अनुभवों को साझा करके छात्रों को प्रेरित कियाऔर अपने स्वयं के स्टार्टअप शुरू करने के इच्छुक लोगों को व्यावहारिक अंतर्दृष्टि प्रदान की।

 

इस सहयोग ने शिक्षा और उद्योग जगत को जोड़ाजिससे छात्रों को वास्तविक दुनिया के उद्यमशीलता और डिजिटल कौशल का अनुभव प्राप्त हुआ।

 

INNOVRITI-2025 के मुख्य आकर्षण के रूप में, "आइडिया फॉर चेंज" प्रतियोगिता ने विभिन्न विषयों के 40 से अधिक छात्रों को एक मंच पर लाने का काम कियाजिन्होंने सामाजिकडिजिटल और व्यावसायिक प्रभाव पैदा करने के उद्देश्य से अपने नवोन्मेषी विचार प्रस्तुत किए। प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रतिष्ठित निर्णायक मंडल के समक्ष प्रस्तुत किएजहाँ उन्हें रचनात्मक प्रतिक्रिया और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस प्रतियोगिता ने न केवल जामिया के छात्रों की रचनात्मकता और उद्यमशीलता की कुशाग्रता को प्रदर्शित कियाबल्कि समस्या-समाधान और नवाचार-संचालित संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को भी पुष्ट किया।

 

दूसरे दिन, 21 अगस्त 2025 को आयोजित समापन सत्र में रचनात्मकता और उद्यमशीलता के एक प्रेरक उत्सव के लिए नवोन्मेषकोंछात्रों और उद्यमियों को एक साथ लाया गया। इस सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में जामिया के माननीय कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ और विशिष्ट अतिथि के रूप में जामिया के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी उपस्थित थे।

 

प्रो. मज़हर आसिफ़ ने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, " वर्ल्ड इंटरप्रेन्योर्स डे हमें याद दिलाता है कि नवाचार प्रगति की धड़कन हैऔर हमारे छात्र एक आत्मनिर्भर और नवोन्मेषी भारत की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं।" प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने कहा, "जामिया का सीआईई केवल विचारों का स्थान नहीं हैबल्कि भविष्य के लीडर्स और इनोवेटर्स के लिए एक लॉन्चपैड है।"

 

कार्यक्रम की शुरुआत सीआईई की प्रभारी प्रो. सिमी मल्होत्रा के स्वागत भाषण से हुईजिन्होंने कहा, "सीआईई मेंहम एक ऐसा वातावरण प्रदान करते हैं जहाँ विचार केवल विचार ही नहीं रहतेबल्कि प्रभावशाली वास्तविकताओं में विकसित होते हैं।" सीआईई के निदेशक प्रो. रिहान खान सूरी द्वारा संचालित एक आकर्षक उद्यमी गोलमेज सम्मेलन ने छात्रों के लिए उद्योग जगत के नेताओं के साथ सीधे बातचीत करने का एक मंच तैयार किया। प्रो. सूरी ने आगे कहा, "जब प्रतिभा और मार्गदर्शन मिलते हैंतो नवाचार फलता-फूलता है और विचार उद्यमों में बदल जाते हैं।"

 

कुलपति और रजिस्ट्रार ने आइडिया फॉर चेंज प्रतियोगिता के विजेताओं और प्रतिभागियों के साथ-साथ कैलेंडर 2025 टीम को भी सम्मानित कियाजिसने कुलपति के दृष्टिकोण के अनुसार जामिया मिल्लिया इस्लामिया के वाइब्रेंट बर्डलाइफ का रचनात्मक दस्तावेजीकरण किया।

 

इस कार्यक्रम की कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार थीं: छात्रों को डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए तैयार करने हेतु नैसकॉम द्वारा उद्योग-संचालित कार्यशाला के साथ व्यावहारिक कौशल विकास; 40 से अधिक नवीन प्रस्तुतियों और उद्योग जगत के लीडर्स के साथ व्यापक नेटवर्किंग के साथ उद्यमशीलता का अनुभवस्टार्टअप एक्सपो और टैलेंट शोकेस- इनक्यूबेटेड स्टार्टअप और कौशल-पाठ्यक्रम के छात्रों ने उत्पादों और नवाचारों का प्रदर्शन कियाजिसकी गणमान्य व्यक्तियों ने सराहना की और उद्योग-अकादमिक तालमेल ने नवाचार और रोजगारपरकता को बढ़ावा देने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया और उद्योग निकायों के बीच सहयोग को मजबूत किया।

 

उपरोक्त के अतिरिक्त, "3डी-ड्रीमडेयरडेवलप इंडिया" थीम के साथइनोवरीति-2025 ने नेटवर्किंगसहयोग और प्रेरणा के लिए एक गतिशील मंच के रूप में कार्य कियाजिसने नवाचार और उद्यमशीलता की संस्कृति को पोषित करने के लिए जामिया मिल्लिया इस्लामिया की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

 

प्रो. साइमा सईद

मुख्य जनसंपर्क अधिकारी

Mr. Akbar Siddiqui, Advocate-on-Record,

 


AMU Law Alumnus Tops Delhi Higher Judicial Services Examination

Aligarh, August 22:Showcasing the brilliance and legacy of the Aligarh Muslim University (AMU) Faculty of Law, Mr. Akbar Siddiqui, Advocate-on-Record, Supreme Court of India, has secured the top position in the Delhi Higher Judicial Services Examination.

An alumnus of the 2007 batch, Mr. Siddiqui is celebrated for his distinguished practice before the Hon’ble Supreme Court and his role in the landmark Satender Kumar Antil case, which significantly shaped the jurisprudence on bail. His achievement yet again cements the Faculty of Law, AMU, as a cradle of some of the finest legal minds in the country.

Congratulating him on this remarkable feat, AMU Vice-Chancellor, Prof. Naima Khatoon, said:
“Mr. Siddiqui’s accomplishment is a matter of great pride for AMU and its Faculty of Law. His journey from Aligarh to the Supreme Court and now to the higher judiciary is an inspiring example of academic rigor, professional excellence, and perseverance. We wish him continued success in serving the cause of justice.”

Mr. Siddiqui’s success adds another illustrious chapter to AMU’s rich tradition of producing leaders in the legal fraternity, inspiring future generations of aspiring jurists.

Six AMU Students Awarded

 

            Six AMU Students Awarded estigious Fully-Funded Scholarships by China and Taiwan

Six students of Chinese from the Department of Foreign Languages (DFL), Aligarh Muslim University (AMU), have earned significant international recognition with the award of fully-funded one-year scholarships by China and Taiwan.

Five students, including Nazneen Haider Khan (Peking University), Mohammad Azeem (Zhejiang University), Anas Ali (Beijing Language & Culture University), Abdul Aziz (East China Normal University), and Vanshika Rani (Beijing Language & Culture University), have been selected for the prestigious Chinese Government Scholarship, while Ahmad Farooqi, a former student, has received the Huayu Enrichment Scholarship from the Government of Taiwan.

These students will pursue an advanced Chinese language programme at leading institutions, enhancing their linguistic and cultural expertise.

Prof. Aftab Alam, Chairperson of the Department of Foreign Languages, congratulated the students, stating that their achievement reflects the quality of education and opportunities provided by AMU. He emphasized that this milestone will not only contribute to their personal and professional development but also strengthen the university’s international collaborations and reputation.

प्रो. एम. जे. वारसी,

z

 बीएसएमईबी शताब्दी समारोह में एएमयू के प्रो. वारसी की शिरकत

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भाषाविद् और भाषाविज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्षप्रो. एम. जे. वारसीपटना में आयोजित बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड (बीएसएमईबी) के शताब्दी समारोह में आमंत्रित वक्ताओं में शामिल रहे।

कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने किया। इस अवसर पर बीएसएमईबी के अध्यक्ष श्री सलीम परवेजराज्य के मंत्रीगणशिक्षाविद् और विद्वान भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में प्रो. वारसी ने मदरसों की शिक्षा में निरंतर भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि मदरसे न केवल ज्ञानार्जन का माध्यम हैं बल्कि सांस्कृतिक पहचान को संजोने और सामाजिक व नैतिक मूल्यों को विकसित करने में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परंपरागत पृष्ठभूमि से जुड़े होने के बावजूद मदरसा शिक्षा बदलते समय की शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप स्वयं को ढालती रही है।

बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड की स्थापना बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड अधिनियम, 1981 के अंतर्गत हुई थी। पिछले सौ वर्षों में बिहार के मदरसे शिक्षासंस्कृति और मूल्यों के संरक्षण के साथ-साथ पीढ़ियों को सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभाते आ रहे हैं।

 

Wednesday, August 20, 2025

डॉ. ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया

 

डॉ. ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरीजामिया ने स्कोपस कार्यशाला आयोजित की और लाइब्रेरी ब्रोशर का विमोचन किया

 

डॉ. ज़ाकिर हुसैन लाइब्रेरीजामिया मिल्लिया इस्लामिया ने एल्सेवियर के सहयोग से कल विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग संकाय सभागार में स्कोपस-इंडेक्स्ड जर्नल्स में प्रकाशन पर एक कार्यशाला का उद्घाटन किया। जामिया के संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं के लिए विशेष रूप से आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य शोध प्रकाशन कौशल को बढ़ाना और स्कोपस में सूचीबद्ध उच्च-प्रभावी पत्रिकाओं में शोध कार्यों को प्रभावी ढंग से प्रकाशित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करना था। कार्यशाला के लिए पंजीकृत 800 से अधिक संकाय सदस्यों और शोधार्थियों में से 500 से अधिक ने इसमें भाग लिया।

 

माननीय कुलपतिप्रो. मज़हर आसिफ़मुख्य संरक्षक थेजबकि जामिया के रजिस्ट्रारप्रो. महताब आलम रिज़वीकार्यशाला के संरक्षक थे।

 

इस कार्यक्रम में जामिया के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिजवीजामिया की छात्र कल्याण डीन प्रो. नीलोफर अफजलजामिया के शोध एवं नवाचार डीन प्रो. कफील अहमदजामिया के विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. विकास एस. नागराले और एल्सेवियर से आमंत्रित रिसोर्स पर्सन डॉ. विनीता सरोहा और श्री रवींद्र कुमार गुप्ता उपस्थित थे। डीनविभागाध्यक्षनिदेशकप्रोवोस्टमुख्य प्रॉक्टर सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ प्रतिष्ठित संकाय सदस्य और शोधकर्ता भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरान की आयतों के पाठ और उसके अनुवाद के साथ हुईजिसके बाद 'जामिया तरानाका भावपूर्ण गायन और अतिथियों का अभिनंदन किया गया।

जामिया के रजिस्ट्रार प्रो. रिजवी ने अपने संबोधन में इस बात पर ज़ोर दिया कि शोधकर्ताओं को उच्च गुणवत्ता वाले शोध करने और प्रतिष्ठित पत्रिकाओं और पुस्तकों में उसका प्रकाशन सुनिश्चित करने के बारे में पता होना चाहिए। उन्होंने अनुक्रमण के महत्व और प्लेगियरिज्म के गंभीर परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित किया। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि शैक्षणिक ईमानदारीविश्वसनीयता और सत्यनिष्ठा सच्ची विद्वता की आधारशिला हैंउन्होंने आग्रह किया कि इन मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया जाना चाहिएक्योंकि ये न केवल एक शोधकर्ता की क्षमता को दर्शाते हैंबल्कि एक अच्छे इंसान के चरित्र को भी दर्शाते हैं। उन्होंने आलोचनात्मक सोच विकसित करने की आवश्यकता पर भी ज़ोर दियाक्योंकि यह दिमाग को तेज़ करती है और शोध की गुणवत्ता को बढ़ाती है।

 

प्रारंभिक भाषण मेंजामिया मिल्लिया इस्लामिया के विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. विकास एस. नागराले ने विश्वविद्यालय और डॉ. ज़ाकिर हुसैन पुस्तकालय के विकास में उनके अटूट समर्थन और उनके दूरदर्शी नेतृत्व के लिए माननीय कुलपतिजामिया मिल्लिया इस्लामियाप्रो. मज़हर आसिफ़ के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के रजिस्ट्रार प्रो. रिज़वी का भी गर्मजोशी से स्वागत किया और इस तरह की पहल करने के लिए पुस्तकालय में उनके अटूट विश्वास और पूरे आयोजन के दौरान तथा भविष्य के प्रयासों के लिए उनके अटूट समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।

 

विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यह कार्यशाला शोध संस्कृति को मज़बूत करने और छात्रों व शिक्षकों की शैक्षणिक आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए पुस्तकालय की चल रही पहलों का एक हिस्सा है। इस पहल से शोधकर्ताओं को प्रभावशाली प्रकाशन के लिए ज्ञान और उपकरण प्रदान करने में सक्षम होने की उम्मीद हैसाथ ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया में शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति पुस्तकालय की प्रतिबद्धता भी प्रदर्शित होगी।

 

छात्र कल्याण संकायाध्यक्षप्रोफेसर नीलोफर अफजल ने अपने संबोधन में शोधकर्ताओं को सक्रिय रूप से जुड़ने और महत्वपूर्ण प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित कियाजिससे शोध और विद्वत्ता की एक ऐसी संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा जो जामिया के लिए एक मानक स्थापित करेगी।

 

कार्यक्रम के दौरानडॉ. ज़ाकिर हुसैन पुस्तकालय के पुस्तकालय ब्रोशर का औपचारिक विमोचन किया गया। यह ब्रोशर पुस्तकालय संसाधनोंसेवाओंसुविधाओंडिजिटल पहलों और जामिया के शैक्षणिक समुदाय को प्रदान की जाने वाली शोध सहायता सेवाओं के बारे में व्यापक जानकारी प्रदान करता है।

 

डॉ. ज़ाकिर हुसैन पुस्तकालयजामिया के सहायक पुस्तकालयाध्यक्षडॉ. संदीप शर्मा द्वारा औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।

 

एल्सेवियर की सुश्री विनीता सरोहा ने प्रकाशन परिणामों को बेहतर बनाने के लिए स्कोपस इंडेक्स्ड जर्नल्स के चयन के तरीके पर प्रकाश डाला। उन्होंने शोधकर्ताओं की ज़रूरतों और प्रमुख शोध मानकों को समझनाशोध चुनौतियाँसाहित्य सर्वेक्षण में सर्वोत्तम अभ्यासस्कोपस किस प्रकार शोधकर्ताओं को अपने शोध कार्य को स्थापित करने में मदद कर सकता हैजैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया और शोध में ज़िम्मेदार जनरल एआई के उपयोग पर भी ज़ोर दिया। श्री रवींद्र कुमार गुप्ता द्वारा लिया गया दूसरा तकनीकी सत्र रसायन विज्ञानजीव विज्ञान और मैटेरिअल विज्ञान के विषयों के लिए एल्सेवियर के समाधानों पर केंद्रित था। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके दस्तावेज़ खोज रणनीतियों पर भी विस्तार से चर्चा की।

 

इन तकनीकी सत्रों के बाद प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया। कार्यशाला में विभिन्न विषयों के स्कोलर्स और संकाय सदस्यों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और शोध प्रकाशन में चुनौतियों और अवसरों पर संवादात्मक चर्चा की।

 

शोध एवं नवाचार के डीनप्रो. कफील अहमद ने अपने समापन भाषण में शोध के क्षेत्र में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। उन्होंने इस अत्यंत आवश्यक प्रयास की शुरुआत के लिए विश्वविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष की सराहना की और इसे जामिया शोध समुदाय के लिए समयोचित और लाभकारी बताया। उन्होंने भविष्य में ऐसे और अधिक कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व पर भी ज़ोर दियाताकि संकाय सदस्य और शोधार्थीदोनों ही इन पहलों से लाभान्वित होते रहें।

 

कार्यक्रम का संचालन सहायक पुरालेखपाल डॉ. उमैमा ने सफलतापूर्वक किया और उप पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. सूफियान अहमद के धन्यवाद ज्ञापित किया गया। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

AMU Adjudged No. 1 in Offering the Highest Number of PG Courses in India



 भारत में सर्वाधिक पीजी कोर्सेज प्रदान करने में एएमयू नं. 1 घोषित

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने एक और गौरवपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उच्च शिक्षा में अपनी विरासत को मजबूत करते हुए एएमयू को भारत के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों में सर्वाधिक परास्नातक (पीजी) पाठ्यक्रम प्रदान करने वाला प्रथम विश्वविद्यालय घोषित किया गया है। एएमयू ने 148 परास्नातक कार्यक्रमों की पेशकश कर यह विशिष्ट स्थान प्राप्त किया हैजो देश में सबसे अधिक है।

यह उपलब्धि एएमयू की शिक्षा की गुणवत्ताविविधता और सुलभता को दर्शाती है और उच्च शिक्षा में इसकी उत्कृष्टता की अग्रणी भूमिका को पुनः स्थापित करती है।

इंडिया टुडे-एमडीआरए बेस्ट यूनिवर्सिटीज सर्वे 2025 के अनुसारएएमयू ने 148 परास्नातक कार्यक्रमों के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया है। यह मान्यता एएमयू की शैक्षिक उत्कृष्टता और विभिन्न विषयों में व्यापक अवसर प्रदान करने की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करती है।

एएमयू की कुलपति प्रो. नइमा खातून ने कहा कि यह उपलब्धि एएमयू के समावेशन और उत्कृष्टता के मिशन को दर्शाती है। इतने विविध परास्नातक पाठ्यक्रमों के माध्यम से हम केवल करियर ही नहीं गढ़ रहेबल्कि ऐसे विचारशील नेताओं और नवाचारकर्ताओं को तैयार कर रहे हैं जो समाज में सार्थक योगदान दे सकें।

सहकुलपति प्रो. मोहम्मद मोहसिन खान ने कहा कि हमारा ध्यान हमेशा किफायती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने पर रहा है ताकि उच्च शिक्षा सभी वर्गों तक सुलभ हो सके।

एएमयू द्वारा हाल ही में राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में प्राप्त शीर्ष स्थान इस तथ्य को रेखांकित करते हैं कि विश्वविद्यालय न केवल उत्कृष्ट और किफायती शिक्षा प्रदान कर रहा है बल्कि इसे सबसे विविध और व्यापक क्षेत्रों में उपलब्ध करा रहा है।

------------------

Monday, August 18, 2025

स्वतंत्रता दिवस पर एएमयू में मुशायरा

 


Prof Siraj Ajmali reciting his poetry at Independence Day Mushaira. Prof. Naima Khatoon, Prof. Mohsin Khan, Prof. Qamrul Huda Faridi and others on the Dais

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर एएमयू में पारंपरिक मुशायरा आयोजितस्वतंत्रता दिवस समारोह के अंतर्गत अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की मुशायरा समिति के तत्वावधान में 14 अगस्त की शाम विश्वविद्यालय पॉलिटेक्निक के असेंबली हॉल में एक पारंपरिक मुशायरे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने की, जबकि प्रो-वाईस-चांसलर प्रोफेसर एम. मोहसिन खान मानद अतिथि के रूप में शामिल हुए।

यह पारंपरिक मुशायरा आज़ादी के प्रति आस्था से प्रेरित और नए भारत के निर्माण में हर भारतीय के योगदान के संकल्प पर आधारित एक देशभक्ति संदेश के साथ आयोजित किया गया।

अपने संदेश में प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि आज़ादी दुनिया की सबसे बड़ी नेमत (अनमोल वरदान) है। यह केवल शरीर की आज़ादी नहीं, बल्कि आत्मा और विचारों की आज़ादी भी है, और हम सौभाग्यशाली हैं कि आज हमें दोनों स्तरों पर स्वतंत्रता प्राप्त है। उन्होंने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज़ादी का सही अर्थ है कि हम अपने ज्ञान के माध्यम से देश और राष्ट्र के सर्वांगीण विकास में योगदान दें।

स्वागत भाषण में उर्दू विभाग के अध्यक्ष एवं मुशायरा समिति के संयोजक प्रो. कमरुल हुदा फरीदी ने कहा कि देश की आज़ादी लंबी, संघर्षपूर्ण और कठिन यात्रा के बाद मिली है, और इसका एहसास होना अपने आप में एक नेमत है। इसी एहसास को ज़िंदा रखने के लिए हम स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं और इसी कारण हर साल स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह मुशायरा आयोजित किया जाता है। उन्होंने बताया कि एएमयू में स्वतंत्रता दिवस के समारोहों की शुरुआत इसी कार्यक्रम से होती है।

प्रो. फरीदी ने कुलपति, मानद अतिथि प्रो-वाईस-चांसलर, डीन, फैकल्टी ऑफ आर्ट्स प्रो. टी.एन. सतीशन, रजिस्ट्रार श्री मोहम्मद इमरान, प्रॉक्टर प्रो. मोहम्मद वसीम अली, वरिष्ठ शिक्षकों, डीन, प्रोवोस्ट और विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया।

परंपरा के अनुसार, मुशायरे की शुरुआत बी.ए. प्रथम वर्ष के एक छात्र की ग़ज़ल से हुई। इसके बाद बाहर से आमंत्रित कवियों में प्रो. शहपर रसूल, फरहत एहसास, सलमा शाहीन और शफ़क सूपोरी ने अपना कलाम पेश किया। स्थानीय कवियों और विभाग के शिक्षकों में मेहताब हैदर नक़वी, ग़ज़नफ़र, सैयद सिराजुद्दीन अजमली, आलम खुरशीद, सरवर साजिद, मुईद राशीदी, मुश्ताक़ सदफ़, सरफ़राज़ खालिद, आरिफ़ हसन, नासिर शकेब, राहत हसन, अशहर क़दीर, निज़ाम निज़ामी, साइन अलीग, फरहीन शकील सहर, मुमताज़ इक़बाल, अहमर नदीम और मोहम्मद अफ़ज़ल ख़ान ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।

कार्यक्रम का संचालन मुशायरा समिति के वरिष्ठ सदस्य प्रोफेसर सैयद सिराजुद्दीन अजमली ने किया।

World Breastfeeding Week Celebrated

 


World Breastfeeding Week Celebrated at College of Nursing
The College of Nursing, Aligarh Muslim University, observed World Breastfeeding Week 2025 with a role play on the importance of breastfeeding, organised by the Department of OBG Nursing in the postnatal wards of Jawaharlal Nehru Medical College.

Held under the guidance of Prof. Farha Azmi, Principal, College of Nursing, and coordinated by Mrs. J.N. Sonja, Assistant Professor, the event saw active participation of B.Sc. Nursing students of the 7th and 8th semesters (July–December 2025 batch). The students presented role plays highlighting breastfeeding techniques, advantages of breastfeeding, differences between breast milk and cow’s milk, and the health benefits for both mother and child. This year’s theme, “Invest in Breastfeeding, Invest in the Future,” was effectively conveyed through interactive health education sessions.

The programme also included feedback sessions with postnatal mothers to assess knowledge gained through the role play. The initiative was well received by mothers and attendants in the wards, who appreciated the practical demonstrations and awareness activities.

Appreciation was also extended to ANS Mrs. Huma Roohi, Mrs. Rubina Naaz, Tutor, College of Nursing, and the ward in-charges, staff nurses and attendants of Ward 2 and Ward 8 for their cooperation.

Saturday, August 16, 2025

94th Birthday of the Historian of the century, Padma Bhushan Irfan Habib SB

 Newsee


Prof. Irfan Habib & Prof. Shireen Moosavi, Department of History, AMU, Aligarh *Photographed by me (Samim Asgor Ali) on 28 September 2024 *I often visit AMU Campus though I was never a student of AMU. My connection with AMU had started in 1999 when I visited AMU for the first time. During that period my younger brother Tarek Asgarh was a PhD student at Centre for West Asian Studies, AMU. Then I visited AMU to meet my brother and stayed at S S Hall South for two weeks. And after that I visited AMU many times. During every visit I clicked many photographs in AMU Campus. So far in my "AMU Archive" there are many hundreds of beautiful photographs. I have many beautiful memories in AMU Campus. #aligarhmuslimuniversity #personalstory #downmemorylane #personalstorytelling #storytellingphotography #amucampus #amucommunity Aligarh Muslim University and Aligs



HAPPY BIRTHDAY TO OUR IDEAL, HISTORIAN, BUZURG USTAD of AMU- PROF IRFAN HABIB- DR. MASOOD AHMAD, Editor ;- www.salamevatan.org

MAIN NE EK BAR PROF. IRFAN HABIB SB KO ALIGARH KI NUMAISH MEIN ‘ HEALTH CONFERENCE’ KE PROGRAME MEIN INVITE KARNE KE BARE MEIN SOCHA AUR APNE SEWA TRUST KE PATRON APNE USTAD PADAM SHRI PROF. HAKEEM SYED  ZILLUR RAHMAN SB KO APNI KHWAHISH KE BARE MEIN BATAYA. HAKEEM SB NE MUJHE MOTIVATE KIYA AUR KAHA KI JAO, UNHEN INVITE KARO, WOH ZAROOR AA  JAYENGE. WOH BAHUT MUKHLIS HAIN KISI KA DIL NAHIN TORHTE HAIN, MERA SALAM KEHNA , WOH BARHE DIL KE MALIK HAIN.

ALLAH PROF IRFAN SB KO SEHATE KAMILA ATA FARMAYE KI PROF IRFAN HABIB SB KO HAKEEM SB NE PROGRAME KA CHIEF GUEST BANAYA AUR UNHONE AAKAR HAMARE PROGRAME MEIN CHAR CHAND LAGA DIYE.

GUEST OF HONOUR MARHOOM SHAIKHAR SARRAF JI NE PROF. IRFAN HABIB SB KE STAGE PAR HI CHARARH CHHUE AUR UNSE AASHEERWAD LIYA AR KAHA KI AAJ TAK IS SHAKHSIYAT KA NAAM HI SUNA THA, INKO PARHA THA.

MEIN KHUSHNASEEB HOON , AAJ  DR. MASOOD JI  AUR MARHOOM MUJAHID SHERWANI JI KA SHUKRGUZAR HOON KI AAJ IS DEVTA KE DARSHAN BHI KARA DIYE.

ALLAH SE DUA HAI KI 

May he live many years more and keep contributing to knowledge through Aligarh Muslim University and the world

Friday, August 15, 2025

एएमयू ने कंटीन्यूइंग छात्रों के लिए फीस वृद्धि 20 प्रतिशत

 एएमयू अकादमिक परिषद ने कंटीन्यूइंग छात्रों के लिए फीस वृद्धि 20 प्रतिशत तक सीमित की

 अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हाल ही में हुई फीस वृद्धि को लेकर जारी छात्र विरोध के जवाब में, एएमयू की अकादमिक कौंसिल ने आज एक विशेष ऑनलाइन बैठक में सर्वसम्मति से सिफारिशें मंजूर कीं, जिनके तहत कंटीन्यूइंग छात्रों के लिए फीस वृद्धि को अधिकतम 20 प्रतिशत तक सीमित करने और सहायतात्मक कदम उठाने का निर्णय लिया गया।

कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून की अध्यक्षता में हुई बैठक मेंफीस वृद्धि संबंधी छात्रों की चिंताओं की समीक्षा के लिए गठित समिति की रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया गया। और यह स्पष्ट किया गया कि कंटीन्यूइंग छात्रों के लिए फीस में वृद्धि पिछले शैक्षणिक सत्र की दरों से 20 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी और इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगाताकि छात्रों पर तत्काल आर्थिक बोझ कम से काम हो।

परिषद ने विशेष सहायतात्मक कदमों की भी सिफारिश कीजिनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए फीस में रियायतें और किस्तों में भुगतान की सुविधा शामिल हैजिन्हें डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर कार्यालय द्वारा संचालित किया जाएगा। इसके अतिरिक्तविश्वविद्यालय संसाधन जुटाने के वैकल्पिक उपायों पर भी विचार करेगाजिनमें पूर्व छात्रों के योगदानप्रायोजित शोध परियोजनाएंराष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के लिए सप्ताह के अंत में विश्वविद्यालय के बुनियादी ढांचे का उपयोगऔर प्रशिक्षण  शैक्षणिक कार्यक्रमों के लिए परिसर की सुविधाओं का सर्वोत्तम उपयोग शामिल है।

इसके अतिरिक्त एक अन्य महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए कुलपति कार्यालय ने एक मीमो जारी कर बताया कि छात्रों के अनुरोध पर जल्द ही अनुशासन समिति की बैठक बुलाई जाएगी। मीमो में यह भी पुष्टि की गई कि एएमयू छात्र संघ (एएमयूएसयूके चुनावलिंगदोह समिति के दिशा-निर्देशों के अनुसारउपयुक्त समय पर आयोजित किए जाएंगे।

 

Popular Posts