Monday, July 21, 2025

PROF. UROOS ILIYAS

 प्रो. उरूस इलियास एएमयू के सरोजिनी नायडू हॉल की नई प्रॉवोस्ट नियुक्त


अलीगढ़, 19 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रो. उरूस इलियासवन्यजीव विज्ञान विभागको सरोजिनी नायडू (एस.एन.) हॉल की नई प्रॉवोस्ट नियुक्त किया है। यह नियुक्ति विश्वविद्यालय अधिनियम 1920 की धारा 19(3) के अंतर्गत की गई है और तत्काल प्रभाव से लागू है।

प्रो. अफशान बेपीरियोडोंशिया और कम्युनिटी डेंटिस्ट्री विभाग सेउनके स्वयं के अनुरोध पर इस पद से मुक्त कर दिया गया है।

प्रो. उरूस इलियास का कार्यकाल दो वर्षों के लिए या अगले आदेश तकजो भी पहले होरहेगा। विश्वविद्यालय प्रशासन ने 17 जुलाई 2025 को इस नियुक्ति से संबंधित आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।

एसटीएस स्कूल 1987 बैच की पहल रंग लाई

 


सटीएस स्कूल 1987 बैच की पहल रंग लाईः एसएसजीई ने 705 छात्रों को दी छात्रवृत्ति, स्कूलों को मिला फर्नीचर और स्मार्ट क्लास की सौगात

अलीगढ़, 19 जुलाईः मिंटो सर्किल हाई स्कूल की 1987 बैच की पहल पर गठित स्कूल सपोर्ट ग्रुप फॉर एजुकेशन (एसएसजीई) ने एक बार फिर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के स्कूल छात्रों के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। लगातार चैथे वर्ष एसएसजीई ने 705 मेधावी और जरूरतमंद छात्रों को 53,85,000 रूपये की छात्रवृत्तियाँ प्रदान की हैंजो उनकी शिक्षण शुल्क को कवर करती हैं। यह छात्रवृत्तियाँ एएमयू के वित्त कार्यालय के माध्यम सेअलीगढ़ एजुकेशन एंडोमेंट फंड (यूएसए) और इब्ने सीना अकादमी (भारत) के सहयोग से वितरित की गईं।

शिक्षण शुल्क के अतिरिक्तइब्ने सीना अकादमी द्वारा एसएसजीई के माध्यम से छात्रों को लगभग 23,00,000 रूपये के यूनिफॉर्मजूतेबैग और पाठ्यक्रम सामग्री भी वितरित की गई। चयनित छात्रों की सूची संबंधित स्कूलों के प्राचार्यों द्वारा दी गई थीजिसकी पुष्टि छात्रों के अभिभावकों से संवाद कर की गई।

इस वर्ष एसएसजीई ने स्कूलों को ढांचागत सुधारों के लिए भी सहायता प्रदान की। अब्दुल्ला प्राइमरी स्कूल और मिंटो सर्किल को 5,00,000 रूपये मूल्य का फर्नीचर भेंट किया गया। कुल मिलाकर एसएसजीई की इस वर्ष की सहायता राशि 81,85,000 रूपये रहीजो पिछले वर्ष के 33,87,511 रूपये से कहीं अधिक है।

शैक्षणिक वातावरण को बेहतर बनाने की दिशा में एसएसजीई ने अहमदी स्कूल में टैक्टाइल टाइल्स और ब्रेल प्रिंटिंग सुविधा स्थापित करने का निर्णय लिया है। साथ ही मिंटो सर्किल के एक कक्षा को स्मार्ट क्लासरूम में बदलने की योजना भी बनाई गई है।

एसएसजीई की शुरुआत वर्ष 2021 में मिंटो सर्किल हाई स्कूल की 1987 बैच के पूर्व छात्रों ने की थी। तब से यह समूह न केवल आर्थिक सहायता बल्कि छात्रों को मार्गदर्शनपरामर्शऔर विभिन्न सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भागीदारी का अवसर भी दे रहा है। इनमें एएसएसईटी (अमेरिकन सोसाइटी फॉर साइंस एंड एजुकेशन) द्वारा प्रायोजित विज्ञान परियोजनाएँक्विज़ प्रतियोगिताएंऔर कौशल विकास कार्यक्रम शामिल हैं। कई छात्र इन गतिविधियों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुके हैं।

अलीगढ़ में एसएसजीई टीम का नेतृत्व प्रो. सुहैल साबिरडॉ. मंज़र जमालप्रो. नदीम खलीलप्रो. सैयद जियाउर रहमानएसो. प्रो. अदनान हाफिजफरीद नाज़िम फारूक़ीअहमद रज़ाडॉ. रेहाना अहमदऔर डॉ. सादिया अयूब कर रहे हैं।

एसएसजीई अपनी सतत पहलों के माध्यम से छात्रों को बेहतर शैक्षणिक अवसर प्रदान करने के लक्ष्य की ओर अग्रसर हैजिससे आने वाली पीढ़ी के लिए उज्जवल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।

HELP CENTER at JN Medical College

 


Prof Naima Khatoon with Prof Habib Raza, Prof S Amjad Ali Rizvi and others inaugurating the help center at JN Medical College 

जेएन मेडिकल कॉलेज में सहायता केन्द्रों का उद्घाटन एवं वृक्षारोपण

अलीगढ़, 19 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून ने आज जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रसूति और स्त्री रोग विभाग (ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी) ओपीडी ब्लॉक और ट्रॉमा सेंटर में नए हेल्प सेंटर का उद्घाटन किया। इसके अलावा ट्रॉमा सेंटर में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया गयाऔर इसके बाद विभागाध्यक्षों और संकाय सदस्यों के साथ बैठक की गई।

इन सहायता केन्द्रों का उद्देश्य मरीजों और उनके परिजनों को बेहतर चिकित्सा मार्गदर्शन और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। प्रसूति और स्त्री रोग विभाग में अब मरीज अपनी पंक्ति का नंबर डिस्प्ले बोर्ड (प्रदर्शन बोर्ड) पर दिखाई देने पर अपना रजिस्ट्रेशन स्लिप प्राप्त कर सकेंगेजिससे रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया सरल हो जाएगी। इसी तरहओपीडी ब्लॉक में सहायता केन्द्र स्ट्रेचर या टॉली पर आने वाले मरीजों की सहायता करेगाजबकि ट्रॉमा सेंटर सहायता केन्द्र आपातकालीन देखभाल मार्गदर्शन प्रदान करेगा।

बैठक के दौरान कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून ने जेएन मेडिकल कॉलेज के विकास पर चर्चा कीजिसमें बुनियादी ढांचे में सुधार और रोगी-केंद्रित स्वास्थ्य देखभाल दृष्टिकोण पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहायता केन्द्रों की स्थापना से देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होंने चिकित्सकों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि सीमित संसाधनों के बावजूद उत्कृष्ट सेवा प्रदान की है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन चिकित्सकों के पदोन्नत और अन्य मुद्दों को गंभीरता से सुलझा रहा है।

फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के डीनप्रिंसिपल और सीएमएस प्रोफेसर एम. हबीब रजा ने जेएन मेडिकल कॉलेज को देश के शीर्ष पांच मेडिकल कॉलेजों में शामिल करने का अपना दृष्टिकोण साझा किया। उन्होंने बताया कि अस्पताल में हर साल एक मिलियन से अधिक मरीजों का इलाज किया जाता हैऔर 55 हजार से अधिक मरीजों को भर्ती तथा 35 हजार से ज्यादा सर्जरी होती हैं। इसके साथ हीउन्होंने एंडोक्रिनोलॉजीकार्डियोथोरेसिक सर्जरी और पीडियाट्रिक सर्जरी में डीएम और एमसीएच पाठ्यक्रमों की शुरुआत की घोषणा की और नए विभागों की स्थापना की बात कीजिससे कॉलेज का विस्तार होगा।

कार्यक्रम की शुरुआत कार्यवाहक अध्यक्ष प्रोफेसर शाहीनप्रसूति और स्त्री रोग विभाग द्वारा स्वागत भाषण से हुईऔर मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रोफेसर एस. अमजद अली रिजवी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शाहबाज हबीब फारदी ने किया। इस कार्यक्रम में विभागाध्यक्षोंचिकित्सकोंएडीएमएस जीएमएसनर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ने भाग लिया।

Sunday, July 13, 2025

Prof Aftab Alam Appointed Dean,


                            प्रो. आफताब आलम एएमयू के अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संकाय के डीन नियुक्त


 Prof Aftab Alam from the Department of Strategic and Security Studies at Aligarh Muslim University has been appointed Dean of the Faculty of International Studies for a two-year term, effective July 7, 2025.

Prof Alam, currently serving as Chairman of the Department of Strategic and Security Studies, is a Professor of International Relations. He holds MA, M.Phil., and Ph.D. degrees in Political Science from AMU, and an LLM in International Human Rights Law from the University of Essex, UK. He is also a recipient of the prestigious Chevening Scholarship awarded by the British Government.

With over 25 years of teaching and research experience, Prof Alam has supervised several M.Phil. and Ph.D. candidates, primarily in the fields of human rights and international relations. He has led a UGC-sponsored major research project on the educational rights of minorities and has actively participated in numerous national and international conferences, presenting papers and chairing sessions.लीगढ़, 7 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के रणनीतिक और सुरक्षा अध्ययन विभाग के प्रो. आफताब आलम को अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संकाय का डीन नियुक्त किया गया है। उनकी नियुक्ति दो वर्ष की अवधि के लिए की गई है जो 7 जुलाई 2025 से प्रभावी होगी।

प्रो. आफताब आलम वर्तमान में रणनीतिक और सुरक्षा अध्ययन विभाग के अध्यक्ष हैं। वे अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर हैं उन्होंने एएमयू से राजनीति विज्ञान में एमएएम.फिल. और पीएच.डी. की डिग्रियाँ प्राप्त की हैंसाथ ही यूनिवर्सिटी ऑफ एसेक्सयूके से एल.एल.एम. (अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून) में भी डिग्री प्राप्त की है। उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिष्ठित चीवेनिंग स्कॉलरशिप भी प्रदान की गई थी।

प्रो. आलम को 25 वर्षों से अधिक का शिक्षण और शोध अनुभव प्राप्त है। उन्होंने मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के क्षेत्र में कई एम.फिल. और पीएच.डी. शोधार्थियों का निर्देशन किया है। वे अल्पसंख्यकों के शैक्षणिक अधिकारों पर आधारित यूजीसी प्रायोजित एक प्रमुख शोध परियोजना का नेतृत्व कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनेक सम्मेलनों में शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं और सत्रों की अध्यक्षता भी की है।

Research Methodology Course in AMU


 Prof Shahab Fazal, Prof Salauddin Qureshi, Prof Mohd Gulrez and Dr Mujibullah Zubairi with participants during the valedictory function of Research Methodology Course Concludes at Department of Geog

एएमयू के भूगोल विभाग में रिसर्च मैथाडालोजी पाठ्यक्रम का समापन


अलीगढ़, 9 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग में आज भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित दस दिवसीय सामाजिक विज्ञानों में शोध पद्धति पाठ्यक्रम का समापन हो गया। जिसमें प्रतिभागियों को सर्टीफिकेट वितरित किये गये। इस अकादमिक कार्यक्रम का उद्देश्य शोधार्थियों और शिक्षकों की शोध क्षमताओं को मजबूत करना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएमयू के पूर्व कुलपति प्रो. मोहम्मद गुलरेज ने विभाग की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के पाठ्यक्रम तकनीकी विशेषज्ञता तो बढ़ाते ही हैंसाथ ही बौद्धिक जिज्ञासा को भी प्रोत्साहित करते हैं और विभिन्न विषयों के बीच सहयोग को बढ़ावा देते हैंजो आज के समय में प्रभावशाली शोध के लिए अत्यंत आवश्यक है।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. मुजीब उल्लाह जुबेरी ने शोध पद्धति प्रशिक्षण की परिवर्तनकारी शक्ति पर बल देते हुए कहा कि तेजी से बदलते शैक्षणिक परिदृश्य में इस तरह की पहल अनिवार्य हो गई है ताकि शोधार्थियों को वैज्ञानिक तकनीकों से लैस किया जा सके और अंतर्विषयी अनुसंधान को बढ़ावा मिल सके।

अपने संबोधन में राष्ट्रीय भौगोलिक संघभारत के अध्यक्ष प्रो. सलाहुद्दीन कुरैशी ने सामाजिक विज्ञानों में विकसित हो रही शोध प्रविधियों की चर्चा की और कहा कि इस तरह के कार्यक्रम एक मजबूत शोध संस्कृति को पोषित करते हैं और शोधार्थियों को आधुनिक विश्लेषणात्मक उपकरणों से सशक्त बनाते हैं।

समापन भाषण में पाठ्यक्रम समन्वयक एवं विभागाध्यक्ष प्रो. शाहाब फजल ने आईसीएसएसआर का आभार व्यक्त किया और सभी विशिष्ट अतिथियों व प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।

पाठयक्रम की सह-समन्वयक डॉ. सालेहा जमाल ने पाठ्यक्रम की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत कीजिसमें विभिन्न मॉड्यूलविशेषज्ञ व्याख्यानव्यावहारिक सत्र और फील्ड रिपोर्ट शामिल रहे। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए प्रतिभागियों ने इन सत्रों से भरपूर लाभ उठाया।

सत्र का संचालन डॉ. अहमद मुजतबा सिद्दीकी ने कियाजिन्होंने औपचारिक विमर्श को प्रभावशाली शेर-ओ-शायरी के साथ जोड़ा। कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए और पाठ्यक्रम से मिली सीख और यादों को भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया। इस पाठयक्रम में देशभर के अनेक विश्वविद्यालयों से तीस से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।


एएमयू में विश्व जनसंख्या दिवस

 

एएमयू में विश्व जनसंख्या दिवस पर व्याख्यान का आयोजन

अलीगढ़, 11 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रौढ़ सतत् शिक्षा एवं विस्तार केन्द्र द्वारा विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गयाजिसका उद्देश्य वैश्विक जनसंख्या से जुड़ी चुनौतियों के प्रति जागरूकता फैलाना था। यह व्याख्यान सामाजिक कार्य विभाग के पूर्व अध्यक्षप्रोफेसर नसीम अहमद खान द्वारा प्रस्तुत किया गया।

प्रो. खान ने बताया कि विश्व जनसंख्या दिवस प्रतिवर्ष 11 जुलाई को मनाया जाता हैताकि जनसंख्या वृद्धि और उसके सामाजिक व पर्यावरणीय प्रभावों पर ध्यान आकर्षित किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस दिवस की शुरुआत 1989 में हुई थी और तब से यह दिन महत्वपूर्ण जनसांख्यिकीय प्रवृत्तियों और चुनौतियों को रेखांकित करने का एक प्रमुख मंच बन चुका है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्व की जनसंख्या 8 अरब से अधिक हो चुकी हैऔर अनियंत्रित वृद्धि पर्यावरणीय स्थिरतासंसाधनों की उपलब्धता और जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर प्रभाव डाल रही है। प्रो. खान ने यह भी बताया कि जनसंख्या वृद्धि पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों पर भारी दबाव डालती है। हालांकिविश्व के विभिन्न देशों की सरकारों ने इस समस्या से निपटने के लिए अनेक उपाय अपनाए हैंफिर भी स्वास्थ्य सेवाओंआवासशिक्षा और रोजगार जैसे क्षेत्रों में जनसंख्या वृद्धि अब भी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।

उन्होंने एक न्यायपूर्ण और आशावान विश्व में युवा अपनी पसंद का परिवार बना सकें- युवाओं को सशक्त बनाना” विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं को प्रजनन से जुड़े निर्णयों के लिए अधिकारसंसाधन और अवसर प्रदान किए जाने चाहिए।

कार्यक्रम का समापन केंद्र के निदेशक डॉ. शमीम अख्तर के औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

Friday, July 11, 2025

जेएमआई में नए मूल्यांकन हॉल का उद्घाटन

 


परीक्षा परिणाम की घोषणा में तेजी लाने के लिए जेएमआई में नए मूल्यांकन हॉल का उद्घाटन80% प्रवेश परिणाम पहले ही घोषित करके जेएमआई निकला अन्य संस्थानों से आग

 

जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) ने विश्वविद्यालय परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं दोनों के परिणाम घोषणा प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से परीक्षा नियंत्रक के कार्यालय में एक नया मूल्यांकन हॉल का उद्घाटन किया। नए मूल्यांकन हॉल का उद्घाटन जेएमआई के कुलपति प्रो. मजहर आसिफ़ और रजिस्ट्रारप्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने परीक्षा नियंत्रक (सीओई)जेएमआईप्रो. पवन कुमार शर्मा और उप-परीक्षा नियंत्रकजेएमआईप्रो. एहतेशामुल हक की उपस्थिति में किया। यह ध्यान देने योग्य है कि वर्तमान प्रवेश प्रक्रिया के दौरानजेएमआई पहले ही 80% से अधिक प्रवेश परिणाम घोषित करके अन्य संस्थानों से काफी आगे है।

 

सीओई कार्यालय भवन की दूसरी मंजिल पर नवनिर्मित बहुउद्देश्यीय हॉल को पर्यवेक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। हॉल पूरी तरह से वातानुकूलित है और इसमें स्टोरेज रैक और बैठने की व्यापक व्यवस्था हैजो एक ही छत के नीचे सभी प्रवेश मूल्यांकन और उससे संबंधित गतिविधियों के लिए एक समर्पितपेशेवर और वांछित स्थान प्रदान करता है।

 

परीक्षा परिणाम जारी होने की तीव्र गति पर अपनी खुशी और संतुष्टि व्यक्त करते हुए और मूल्यांकन उद्देश्यों के लिए एक भव्य सुविधा के त्वरित बदलाव की सराहना करते हुएप्रो. आसिफ़ ने कहा, "मैं सीओईडिप्टी सीओई और सीओई कार्यालय में अत्यधिक कुशल प्रशासनिक और कार्यालय कर्मचारियों का आभारी हूंजिनकी पिछले महीनों की कड़ी मेहनत ने 2025 के प्रवेश की घोषणा को संभव बनाया है।" प्रो. आसिफ ने कहा, "मैं जेएमआई पारिस्थितिकी तंत्र में सकारात्मकताअखंडता और खुशी का माहौल बनाना चाहता हूं।" उन्होंने कहा कि एनईपी मसौदा समिति के सदस्य के रूप मेंउन्होंने महसूस किया, "समय पर वेतन का वितरण और सही समय पर पदोन्नतिदो ऐसे कारक थे जो विश्वविद्यालय के संकाय और कर्मचारियों को प्रेरित करने के केंद्र में थे ताकि उनकी क्षमता को अधिकतम किया जा सके। यह वह दर्शन है जिसके साथ मेरा प्रशासन काम कर रहा है। परिणाम सभी के सामने हैं।" उन्होंने कहा।

 

प्रो. रिज़वी ने कहा, "हमारा आदर्श वाक्य 'एक जामियाएक परिवारहोना चाहिएजो तभी साकार होगा जब हमारे शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारी विश्वविद्यालय के लिए सर्वश्रेष्ठ देने के लिए हाथ मिलाएंगे ताकि बहुत जल्द जेएमआई अपनी एनआईआरएफ रैंकिंग में तीसरे से दूसरे स्थान पर पहुंच सके।" प्रो. रिज़वी ने अपना विश्वास व्यक्त किया कि, "नए हॉल की शुरुआत साथअब हमारे मूल्यांकनकर्ताओं को सर्वोत्तम सुविधाएँ उपलब्ध होंगी ताकि पूरी परीक्षा मूल्यांकन प्रक्रिया को और तेज़ और सुव्यवस्थित किया जा सके।" प्रो. रिज़वी ने इस प्रवेश प्रक्रिया में बनाए गए उच्च स्तर की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए पूरे प्रो. शर्मा, प्रो. हक़ तथा जेएमआई बिरादरी को बधाई दीउन्होंने कहा "यह उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय ने अपनी इन-हाउस सुविधा और कर्मचारियों का उपयोग करके और किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी के बिना पूरी मल्टी-सिटी प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया को स्वयं ही संचालित किया। न केवल यह जेएमआई के लिए एक बड़ी उपलब्धि हैबल्कि यह अभूतपूर्व भी है।" प्रो. रिज़वी ने दोहराया। उन्होंने सी.ओ.ई.डिप्टी सी.ओ.ई., सभी डीन, विभागाध्यक्षों, निदेशकों, फैकल्टी मेम्बर्स, नॉन टीचिंग स्टाफ और सी.ओ.ई. कार्यालय के समस्त स्टाफ द्वारा की गई कड़ी मेहनत की सराहना भी की।

 

परीक्षा नियंत्रक प्रो. शर्मा ने सीओई कार्यालय में प्रवेश और परीक्षा से संबंधित दो अनुभागों में चल रहे कार्यों की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं के समय पर मूल्यांकन और अंक जमा करने के लिए जेएमआई बिरादरीविशेष रूप से संकाय सदस्यों को धन्यवाद दियाजिससे परिणामों की शीघ्र घोषणा संभव हो सकी।

 

अपने स्वागत भाषण मेंपरीक्षा उप नियंत्रक प्रो. एहतेशामुल हक ने उपस्थित लोगों को बताया कि मूल्यांकन हॉल की स्थापना और जीर्णोद्धार का विचार माननीय कुलपति और रजिस्ट्रारजेएमआई का थाऔर उनके अटूट समर्थन और प्रतिबद्धता के कारण यह रिकॉर्ड समय में पूरा हो गया। प्रो. हक ने यह भी बताया कि सत्र 2025-26 के लिए प्रवेश प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और देश के अन्य विश्वविद्यालयों से बहुत आगे है।

 

उद्घाटन से पहले कुलपतिरजिस्ट्रारसीओई और डिप्टी सीओई ने सीओई कार्यालय परिसर में वृक्षारोपण किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुनील ने किया। कार्यक्रम का समापन डॉ. खालिद रजा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।

DR. Aftab Alam

 

एएमयू शिक्षक डॉ. आफताब आलम की यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क (यूके) में ग्लोबल साउथ फेलो के रूप में की प्रतिष्ठित शैक्षणिक यात्रा

अलीगढ़, 10 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडीइतिहास विभाग में प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व के सहायक प्रोफेसर डॉ. आफताब आलम ने हाल ही में यूनाइटेड किंगडम की यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क का एक प्रतिष्ठित शैक्षणिक दौरा पूरा किया। यह यात्रा उन्होंने ग्लोबल साउथ फेलो के रूप में आमंत्रित किए जाने के तहत की।

अपने प्रवास के दौरान डॉ. आलम ने यॉर्क विश्वविद्यालय के पुरातत्व तथा पर्यावरण और भूगोल विभागों के वर्तमान और आगामी प्रमुखों सहित कई फैकल्टी सदस्यों से अकादमिक संवाद किया। उन्होंने इन विभागों से संबद्ध सस्टेनेबिलिटी विशेषज्ञ डॉ. एडम एस. ग्रीन के साथ भी शोध सहयोग किया। उनका यह अंतःविषयक शोध प्राचीन पुरातात्विक निष्कर्षों को आधुनिक पर्यावरणीय चुनौतियों से जोड़ते हुए सतत विकास की दिशा में नई अंतर्दृष्टियाँ प्रदान करता है।

डॉ. आलम ने यॉर्क विश्वविद्यालय में इंटरनेशनल पार्टनरशिप्स की डीन डॉ. हीदर निवेन से भी मुलाकात कीजिसमें संस्थागत सहयोग को स्थायी रूप से आगे बढ़ाने के संभावित मार्गों पर चर्चा हुई।

यॉर्क में उन्होंने सिंधु मैदान का पहला नगरीकरण और गंगा मैदान का दूसरा नगरीकरणः संबंधोंविरासतों और मानव-पर्यावरण अंतःक्रिया की समझ’ विषय पर बायोआर्क टीम को एक व्याख्यान भी दिया।

दक्षिण एशियाई धरोहर अध्ययनजीआईएस (ज्योग्राफिक इंफारमेशन सिस्टम्स) और रिमोट सेंसिंग में विशेषज्ञता रखने वाले डॉ. आलम गंगा मैदान और सिंधु घाटी में व्यापक क्षेत्रीय अध्ययन कर चुके हैं। उनका शोध भारतीय उपमहाद्वीप में प्रारंभिक नगरीकरण और मानव-पर्यावरण संबंधों की समझ में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

उनकी यह यात्रा यूनिवर्सिटी ऑफ यॉर्क के ग्लोबल साउथ एशिया प्रोग्राम के तहत प्रायोजित थीजो समानता पर आधारित अकादमिक साझेदारी और वैश्विक मुद्दों पर सहयोगात्मक अनुसंधान को प्रोत्साहित करता है।

सेंटर ऑफ एडवांस्ड स्टडीइतिहास विभाग के अध्यक्ष और समन्वयक प्रो. हसन इमाम ने कहा कि डॉ. आलम की यह भागीदारी एएमयू की वैश्विक शैक्षणिक सहभागिता और अंतःविषयक अनुसंधान की प्रतिबद्धता का उत्कृष्ट उदाहरण है।

Wednesday, July 9, 2025

Registration in UP Govt : Para Medical College, AMU, Aligarh

 


एएमयू के पैरामेडिकल कॉलेज को मिला पंजीकरण

अलीगढ़, 9 जुलाईः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पैरामेडिकल कॉलेज को उत्तर प्रदेश स्टेट मेडिकल फैकल्टीलखनऊ द्वारा पंजीकरण प्राप्त हो गया हैजो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह कॉलेज वर्ष 2021 में स्थापित हुआ था और निरंतर प्रयासों के साथ इसने अब औपचारिक मान्यता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।

कॉलेज के प्राचार्य प्रो. काजी एहसान अली ने जानकारी दी कि पंजीकरण की प्रक्रिया में कई चरणों में पूर्ण हुई। सर्वप्रथमकॉलेज ने मेडिकल एजुकेशन के निदेशक (लखनऊ) से एसेंशियलिटी सर्टिफिकेट प्राप्त कियाजिसके लिए विस्तृत दस्तावेजीकरण और विभिन्न औपचारिकताओं को पूरा किया गया।

प्रो. अली ने बताया कि यह प्रमाणपत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज बाद में यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी को सौंपे गएजिसके बाद कॉलेज का पंजीकरण किया गया। अब यह पंजीकरण पैरामेडिकल कॉलेज और इसमें चल रहे बीएससी कोर्सों जैसे ऑप्टोमेट्रीफिजियोथेरेपीमेडिकल रेडियोलॉजी एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजीडायलिसिस थेरेपी टेक्नोलॉजीमेडिकल लैब साइंसेज और ऑपरेशन थिएटर टेक्नोलॉजी को औपचारिक रूप से मान्यता प्रदान करता है। यह पंजीकरण पिछली तिथि सेयानी सत्र 2021-2022 सेप्रभावी होगाजिससे पहले और बाद की बैचों को लाभ मिलेगा। प्रो. अली ने बताया कि कॉलेज को सत्र 2021-2022 से 2024-2025 तक के लिए पंजीकृत किया गया है और सत्र 2025-2026 से आगे के लिए अंतिम पंजीकरण की प्रक्रिया चल रही है।

उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन विशेष रूप से माननीय कुलपतिमेडिसिन संकाय के डीन और रजिस्ट्रार का आभार व्यक्त किया जिनके सहयोग से यह उपलब्धि संभव हो सकी।

शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार

 


जामिया में पूर्वोत्तर छात्रों के छात्रावास निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए जामिया के वीसी और रजिस्ट्रार ने माननीय केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास और शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार से की मुलाकात

 जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के कुलपति प्रो. मज़हर आसिफ़ और जेएमआई के रजिस्ट्रार प्रो. मोहम्मद महताब आलम रिज़वी ने कल माननीय केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास एवं शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार जी के साथ बैठक की और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए 400 बिस्तरों वाले छात्रावास के निर्माण पर चर्चा की।

 

माननीय मंत्री डॉ. मजूमदार ने कुलपति और जेएमआई के रजिस्ट्रार द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की और वादा किया कि उनका मंत्रालय इसका समर्थन करेगा।

 

प्रो. आसिफ़ ने कहा, "माननीय मंत्री डॉ. मजूमदार जी के साथ हमारी बैठक बहुत ही उपयोगी रही और हम पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए एक पूर्ण छात्रावास के प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया उन्हें परिसर में रहने और अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए एक बेहतरीन और अनुकूल स्थान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह छात्रावास पूर्वोत्तर के उन छात्रों के लिए घर से दूर एक घर होगा जो अपना करियर बनाने और अपने सपनों को साकार करने के लिए दिल्ली आते हैं।" प्रो. आसिफ ने आगे कहा, " "हमारा उद्देश्य देश के दूर-दराज के क्षेत्रों के लोगों को शिक्षा प्रदान करने और उनके विकास और उन्नति में योगदान देने के विश्वविद्यालय के मिशन को आगे बढ़ाना है।" 

 

प्रो. रिज़वी ने कहा, "डॉ. मजूमदार जी के साथ हमारी बैठक महत्वपूर्ण रही और जामिया मिल्लिया इस्लामिया में विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययन कर रहे पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों के लिए जामिया को एक केंद्र बनाने के हमारे प्रयासों में एक नया अध्याय शुरू करती है। जामिया में हमारे पास पूर्वोत्तर अध्ययन और नीति अनुसंधान के लिए एक विशिष्ट और समर्पित केंद्र भी है और हमें उम्मीद है कि हम पूर्वोत्तर क्षेत्र के छात्रों के बीच शिक्षण और अनुसंधान के प्रसार को और बढ़ावा देंगे।" प्रो. रिज़वी ने आगे कहा, "जेएमआई पूर्वोत्तर के छात्रों को सर्वोत्तम सुविधाएँ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और आगामी शैक्षणिक सत्र में इस क्षेत्र के और अधिक छात्रों को परिसर में देखने की उम्मीद करता है।"

 

जेएमआई के कुलपति और रजिस्ट्रार दोनों ने विश्वविद्यालय को पूर्ण समर्थन देने और उनके प्रस्ताव को सकारात्मक रूप से स्वीकार करने के लिए माननीय मंत्री के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। प्रो. आसिफ और प्रो. रिज़वी ने आगे कहा कि पूर्वोत्तर के छात्रों के लिए प्रस्तावित छात्रावास क्षेत्रीयभाषाई और सांस्कृतिक विविधता में और योगदान देगाजिसके लिए जेएमआई जाना जाता है।

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